- मणिपाल हॉस्पिटल्स ने पूर्वी भारत का पहला एआई-संचालित इंजेक्टेबल वायरलेस पेसमेकर सफलतापूर्वक स्थापित किया
- Manipal Hospitals successfully performs Eastern India’s first AI-powered injectable wireless pacemaker insertion
- Woxsen University Becomes India’s First Institution to Achieve FIFA Quality Pro Certification for RACE Football Field
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने यू – जीनियस राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी फिनाले में प्रतिभाशाली युवाओं का किया सम्मान
- Union Bank of India Celebrates Bright Young Minds at U-Genius National Quiz Finale
जूम के बैन होने के बाद जियो मीट और गूगल क्लासरुम बेहतर ऑप्शन
आईआईएसटी काॅलेज द्वारा डिजीटल एजुकेशन पर वेबीनार में बोले एक्सपर्ट
इंदौर। आईआईएसटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट द्वारा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य एवं शिक्षकों के लिए डिजिटल पेडगॉजी विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया । प्रदेश भर के विभिन्न स्कूलों से तकरीबन एक हजार प्राचार्य एवं शिक्षकों को टेक्नोलॉजी का उपयोग कर ऑनलाइन एजुकेशन की आधुनिक तकनीकों पर एक्सपर्ट से चर्चा की।
वेबीनार के मुख्य अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर रेनू जैन वह शैल एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन रोशन अग्रवाल थे । प्रोफेसर रेनू जैन ने कहा वर्तमान परिस्थितियों में ऑनलाइन प्रशिक्षण कारगर है और टेक्नोलॉजी के माध्यम से इसे अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है । आईआईटी कॉलेज द्वारा की गई इस पहल से स्कूल शिक्षक वर्ग को बहुत सी उन्नत जानकारियों से रूबरू हो सकेंगे ।
शैल एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के चेयरमैन श्री रोशन अग्रवाल ने अपने स्वागत उद्बोधन में संस्था द्वारा आयोजित इस आयोजन के महत्व को आज की परिस्थितियों में आवश्यक बताते हुए शिक्षकों के लिए इसे उपयोगी बताया।
मुख्य वक्ता अरुण एस भटनागर ने डिजिटल शिक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी देते हुए इसे किस तरह प्रभाव उत्पादक बनाया जाए ताकि इसे आसानी से बच्चों को समझाया जा सके पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा ब्लेंडेड लर्निंग टेक्नोलॉजी, पेडागोजी एवं विषय वस्तु के समन्वय से ही ऑनलाइन शिक्षण को उपयोगी बनाया जा सकता है।
हालांकि ऑफ लाइन शिक्षण प्रणाली का कोई विकल्प नहीं हो सकता परंतु वर्तमान हालात को देखते हुए अध्यापकों को ऑनलाइन शिक्षण को कड़ी मेहनत करते हुए अपनाना होगा । ऑनलाइन टीचिंग में आठ अफोर्डेंंस टेक्निक का प्रयोग करते हुए प्रत्येक विद्यार्थी के स्ट्रैंथ एंड वीकनेस के अनुसार शिक्षण को डालने का फॉर्मूला समझाया।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कंप्युटर विभाग के प्रमुख निरंजन श्रीवास्तव ने कहा कि डिजीटल एज्युकेशन देश ही नहीं दुनिया भर का भविष्य है । कोविड काल में इसका महत्व अचानक से बहुत बढ़ गया है। ऑनलाईन एजुकेशन के लिए युज हो रही जूम एप्लीकेशन पर रोक लगाने के बाद जियो मीट और गुगल मीट जैसी एप्लीकेशन बेहतर ऑप्शन है। ये एप्लीकेशन फ्री है और सुरक्षित भी।
भारत सरकार ने आईआईटी और आईआईएम की मद्द से कई सारे पोर्टल बनाए है जो ऑनलाईन एजुकेशन के लिए काफी सहायक है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्वयंम , शोध, शोध गंगोत्री, बादल और ई यंत्रा जैसे बडे प्लेटफार्म तैयार किये गए है जिसमें विभिन्न विषयों के एक्सपर्ट ने अपने रिसर्च पेपर, विभिन्न विषयों पर कांसेप्ट आदि डाल रखे है। इन प्लेटफार्म का उपयोग कर छात्र काफी आसानी से ऑनलाईन एजुकेशन हासिल कर सकते है।
कोविड के दौरान टीचर्स के सामने डिजीटल कंटेंट बनाने की एक चुनौती है ये समस्या को प्रजेंटेशन ट्युब रिकार्डर से हल कर सकते है। गूगल क्लासरुम छात्रों को पढाने के लिए एक बेहतर फ्री एप्लीकेशन है जिसमें एक वर्चुअल क्लास रुम बनाकर बच्चों को पढाया जा सकता है।
प्रो श्रीवास्तव ने बताया कि डिजीटल एजुकेशन के मामले में हम अमेरिका से लगभग 20 साल पीछे है। डिजीटल एजुकेशन के लिए आज हम जिन तरीकों का सहारा ले रहे है वो अमेरिका में 2001 से है। कार्यक्रम के दौरान उन्होने शिक्षाविदों के विभिन्न प्रष्नों के जबाव भी दिए।
इस बेवीबनार में सहोदया ग्रुप के चेयरमैन और चोइथराम स्कूल नॉर्थ कैंपस के प्राचार्य श्री यूके झा जी , भोपाल सीबीएसई सहोदया ग्रुप के चेयरमैन और बाल भवन स्कूल भोपाल के प्राचार्य डॉ राजेष शर्मा ने भी संबोधित किया। दोनों मुख्य वक्ताओं द्वारा शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का भी जवाब दिया गया और उनकी समस्याओं का समाधान किया गया।
वेबीनार के अंत में आईआईएस टी कॉलेज के प्राचार्य डॉ केशव पाटीदार ने वेबीनार में उपस्थित सभी अतिथियों का प्राचार्य का एवं शिक्षक शिक्षिकाओं का आभार माना और भविष्य में स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए आईआईएसडी तकनीकी सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहेगा यह आश्वासन दिया।